मस्ती की पाठशाला - एक रोमाचंक कहानी भाग -2
उधर शमशेर बाकी रास्ते को रंगीन बनाने की तैयारी कर रहा था उसने नशे की गोली खरीदी और कोल्ड्रींक में मिला दिया अंधेरा हो गया था उसने अपनी पैंट की ज़िप खुली छोड़ दी ताकि अंजलि को उसे महसूस करने में आसानी हो सके
शमशेर मन ही मन सोच रहा था अगर अंजलि ही वो लड़की है जिसके स्कूल में जाकर उसको जोइन करना है, फिर तो उसकी पाँचो उंगलियाँ घी में होंगी उसको अंजलि की हालत देखकर यकीन हो चला था की अगर वो शुरुआत करेगा तो अंजलि पीछे नही रहेगी पर अगर वो जान गयी की मैं उसके स्कूल मैं ही जोइन करने जा रहा हूँ तो वो हिचक जाएगी इसीलिए वो आज ही उसको पता लगने से पहले ही उसकी चूत मार लेना चाहता था साथ-साथ उसको एक डर भी था! अगर अंजलि के मन को वो भाँप नही पाया, और उसने शुरुआत कर दी और अंजलि का रिएक्शन अलग हुआ तो फिर मुश्किल हो जाएगी ऐसे में वो स्कूल जाकर उसका सामना कैसे करेगा इसीलिए शमशेर चाहता था की पहल अंजलि की तरफ से ही होनी चाहिए अचानक बस स्टार्ट हो गयी और वो यही सोचता हुआ बस में चढ़ गया
अंजलि: कहाँ रह गये थे आप; मैने तो सोचा आप वापस ही नही आओगे
शमशेर: अरे नही... आपके लिए कोल्ड-ड्रिंक और फ्रूट्स लाने चला गया था कोल्ड्रींक की वो बोतल जिसमें उसने नशे की गोलियाँ मिलाई थी उसकी तरफ करते हुए कहा
अंजलि: सॉरी सर, लेकिन मैं कोल्ड्रींक नही पीती
शमशेर को अपने अरमानो पर पानी फिरता महसूस हुआ
शमशेर: अरे लीजिए ना, आपको उल्टियाँ आ रही थी, इसीलिए... इससे आपका दिल नही मचलेगा
अंजलि: थैंक्स, बट मैं पी नही पाउन्गि, इनफैक्ट मैं कभी नही पीती हां फ्रूट्स जरूर लूँगी हंसते हुए उसने कहा
शमशेर ने अनबूझे मन से कोल्ड्रींक की बोतल बॅग में रख ली फिर बोला,"
लीजिए केला खाइए
केले का साइज देखकर अंजलि को कुछ याद आया और उसकी हँसी छूट गयी वो मुश्किल से ३ इंच लंबा था
शमशेर: जी, क्या हुआ?
अंजली हांसते हुए जी कुछ नही.
अंजलि को केले की और देखता पाकर शमशेर कुछ-कुछ समझ गया
शमशेर: बताइए ना क्या बात है वैसे आप हँसती हुई बहुत सुंदर लगती हैं
अंजलि: क्या मतलब. वैसे नही लगती..
शमशेर: अरे नही....
अंजलि: जाने दीजिए, मैं तो आपके केले को देख कर हंस रही थी
शमशेर का ध्यान सीधा अपनी पैट की तरफ गया एक पल के लिए उसको लगा कहीं ज़िप खुली होने से उसका केला तो बाहर नही निकल आया सब ठीक ठाक था फिर केले के साइज को देखकर मामला समझ गया
शमशेर: जी क्या करे, मैने खुद तो उगाया नही है यहाँ बस यही मिले
अंजलि की हँसी रुकने का नाम ही नही ले रही थी उसके मन में तो दूसरा ही केला घूम रहा था हालाँकि उसने अपने व्यक्तीता का हमेशा ख्याल रखा था. पर शमशेर के नायाब जिस्म को देखकर उसमें खुमारी आती जा रही थी
अंजलि: शमशेर जी, आप करते क्या हैं?
शमशेर: अजी जिन बातों का समय आने पर खुद ही पता चल जाना है उनके बारे में क्या बात करनी आप अपनी बताइए, आपने शादी क्यूँ नही की?
अंजली कुछ देर सोचते हुए, है तो पर्सनल मेटर पर मैं नही समझती की आपको बताने से कोई नुकसान होगा आक्च्युली मेरी छोटि बहन ६ साल पहले किसी लड़के के साथ भाग गयी थी. बस तब से ही सब कुछ बिखर गया पापा पहले ही नही थे, मम्मी ने स्यूसाइड कर लिया... कहते हुए अंजलि फफक पड़ी. मुझे नही पता मेरी गलती क्या है, पर अब मैने अकेले ही जीने की सोच ली है
शमशेर बुरी तरह विचलित हो गया उसे कहने को कुछ नही मिल रहा था फिर धीरे से बोला,"सॉरी अंजलि जी" मैने तो बस यूँही पूछ लिया था
अंन्जलि ने उसके कंधे पर सर रखा और सुबकने लगी
शमशेर को और कुछ नही सूझा तो वो बोला मुझसे नही पूछेंगी क्या मैने शादी क्यूँ नही की!
अंजलि की आँखों में अचानक जैसे चमक आ गयी और हड़बड़ा कर बोली,"
क्या आपने भी... मतलब क्या आपकी शादी...क्यूँ नही की आपने
शमशेर: कुछ फिज़िकल प्राब्लम है?
अंजलि जैसे अपने गुम को भूल गयी थी,"क्या प्राब्लम है"
शमशेर ने मज़ाक में कहा,"बताने लायक नही है मेडम"
अंजलि: क्यूँ नही है, क्या हम दोस्त नही हैं?
शमशेर: जी वो एररेक्टिओं में प्राब्लम है
अंजलि एररेक्टिओं का मतलब अच्छि तरह समझती थी की वो अपना लंड खड़ा ना हो सकने के बारे में कह रहा है पर ये तो झूठ था, वो खुद महसूस कर चुकी थी पर वो कह क्या सकती थी? सो चुप रही
शमशेर: क्या हुआ? मैने तो पहले ही कहा था की बताने लायक नही है
अंजलि: (शरमाते हुए) मुझे नही पता, मुझे नींद आ रही है, क्या मैं आपकी गोद में सर रखकर सो जाउ
शमशेर: हां हां क्यूँ नही और उसने अंजलि को अपनी गोद में लिटा लिया
अंजलि ने वही किया, अपने हाथ को सर के नीचे रख लिया और धीरे-धीरे हाथ हिलाने लगी ऐसा करने से उसने महसूस किया की शमशेर का लंड अपने विकराल आकर में आता जा रहा है अंजलि सोच रही थी की उसने झूठ क्यूँ बोला. उधर शमशेर ने भी सोने की आक्टिंग करते हुए अपने हाथ धीरे-धीरे अंजलि के कंधे से सरका कर उसकी मांसल तनी हुई चूंचियों पर ले गया दोनो की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. जैसे ही शमशेर आगे बढ़कर उसकी चूत पर हाथ ले जाने ही वाला था की अचानक अंजलि उठी और बोली,"झुठे, तुमने झूठ क्यूँ बोला" उसकी आवाज में मानो नाराजगी नही, एक बुलावा था; सेक्स के लिए
शमशेर आँखें बंद किए हुए ही बोला,"क्या झूठ बोला मैने आपसे"
अंजलि: यही की एररेक्ट नही होता.
शमशेर: तो मैने झूठ कहाँ बोला? हां नही होता
अंजलि: मैने चेक किया है वो धीरे-धीरे बोल रही थी
शमशेर: क्या चेक किया है आपने
अंजलि उसके बाद कुछ बोलने ही वाली थी की अचानक बस बंद हो गयी कंडक्टर ने बताया की बस खराब हो गयी है आगे दूसरी बस मैं जाना पड़ेगा
आमतौर पर इस सिचुयेशन में ख़ासकर अकेली लेडीस की हालत खराब हो जाती है
पर अंजलि ने चहकते हुए कहा,"अब मैं कैसे जाउंगी"
शमशेर," मैं हूं ना""चलो समान उतारो"
बस से उतारकर दोनों सड़क के किनारे खड़े हो गये अंजलि से कंट्रोल नही हो रहा था वो सोच रही थी इतना कुछ होने के बाद भी ये पता नही किस बात का इंतज़ार कर रहा है एक-एक करके सभी लोग चले गये लेकिन ना तो शमशेर और ना ही अंजलि को जाने की जल्दी थी दोनों चाह कर भी शुरुआत नही कर पा रहे थे फिर ड्राइवर और कंडक्टर भी चले गये तो वहाँ सब सुनसान नजर आने लगा
अचानक अंजलि ने चुप्पी तोड़ी,"अब क्या करेंगे?"
शमशेर: बोलो क्या करें?
अंजलि: अरे तुम्ही तो कह रहे थे,"मैं हूँ ना" अब क्या हुआ?
शमशेर चलना तो नही चाहता था पर बोला"ठीक है", अब की बार कोई भी वेहिकल आएगा तो लिफ्ट ले लेंगे
अंजलि: मैं तो बहुत तक गयी हूँ. क्या कुछ देर बस में चलकर बैठें? मुझे प्यास भी लगी है
वो दोनों जाकर बस में बैठ गये फिर अचानक शमशेर को कोल्ड्रींक याद आई जो उसने बैग में रखी थी वो अपना रंग दिखा सकती थी शमशेर ने कहा,"प्यास का तो मेरे पास एक ही इलाज है
अंजलि:क्या?
शमशेर: वो कोल्ड्रींक!
अंजलि: अरे हां...थैंक्स... उससे प्यास मिट जाएगी.. लाओ प्लीज!
शमशेर ने बैग से निकाल कर वो बोतल अंजलि को दे दी. अंजलि ने सारी बोतल खाली कर दी, १०-१५ मीं. में ही गोली अपना रंग दिखाने लगी थी अंजलि ने शमशेर से कहा," क्या हम यही सो जायें सुबह चलेंगे
अंजलि पर नशे का सुरूर सॉफ दिखाई दे रहा था अब शमशेर को लगा बात बढ़ानी चाहिए. वो बोला," आप बस में क्या कह रही थी"
अंजलि,"मुझे आप क्यू कहते हो तुम? मुझे अंजलि कहो ना
शमशेर: वो तो ठीक है पर आप प्रिन्सिपल हो
अंजलि: फिर आप, मैं कोई तुम्हारी प्रिन्सिपल थोड़े ही हूँ, मुझे अंजलि कहो ना प्लीज.. नही अंजू कहो और हां तुमने झूठ क्यूँ बोला की एररेक्टिओं की प्राब्लम है
शमशेर: तुम्हे कैसे पता की मैने झूठ बोला
अंजलि: मैने चेक किया था ये
शमशेर: ये क्या!
अंजलि खूब उत्तेजित हो चुकी थी उसने कुछ सोचा और शमशेर की पैंट को आगे से हाथ लगाकर बोली,"ये"... "अरे तुम्हारी तो जीप खुली है. हा हा हा
शमशेर को पता था वो नशे में है वो बोला," क्या तुम्हे नींद नही आ रही?
आओ मेरी गोद में सिर रख लो!
अंजलि: नही मुझे देखना है ये कैसे खड़ा नही होता, अगर मैं इसको खड़ा कर दूं तो तुम मुझे क्या दोगे
शमशेर कुछ नही बोला
अंजलि: बोलो ना...
शमशेर: जो तुम चाहोगी!
अंजलि: ओके निकालो बाहर!
शमशेर: क्या निकालू?
अंजलि: छि-छि नाम नही लेते, ठीक है मैं खुद निकाल लेती हूँ, कहते हुए वो भूखी शेरनी की तरह शमशेर पर टूट पड़ी
शमशेर तो जैसे इसी मौके के इंतज़ार मैं था उसने अंजलि को जैसे लपक लिया नीचे सीट पर गिरा लिया और उसे कपड़ों के उपर से ही चूमने लगा अंजलि बदहवास हो चुकी थी उसने शमशेर का चेहरा अपने हाथों में लिया और उसके होंठों को अपने होठों में दबा लिया शमशेर के हाथ उसकी चूंचियों पर कहर ढा रहे थे एक-एक करके वह दोनो चूंचियों को बुरी तरह मसल रहे थे अंजलि अब उसकी छाति सहलाते हुए बड़बड़ाने लगी थी..ओह लव मि प्लीज़.. लव मि... आइ कांट वेट.. आइ कांट लिव.. विदाउट यू जान..
सुनसान सड़क पर खड़ी बस में तूफान आया हुआ था एक-एक करके जब शमशेर ने अंजलि का हर कपड़ा उसके शरीर से अलग कर दिया तो वो देखता ही रह गया स्वर्ग से उतरी मेनका जैसा जिस्म... सुडौल चुचियाँ... एक दम तनी हुई सुराहिदार चिकना पेट और मांसल जांघें... चूत पर एक भी बाल नही था उसकी चूत एक छोटी सी मछली जैसी सुंदर लग रही थी उसने दोनों चूंचियों को दोनों हाथों से पकड़ कर उसकी चूत पर मुँह लगा दिया अंजलि उबल पड़ी साँसे इतनी तेज़ चल रही थी जैसे अभी उखड़ जाएँगी पहले पहल तो उसे अजीब लगा अपनी चूत चटवाते हुए पर बाद में वह खुद अपनी गांड उछाल-उछाल कर उसकी जीभ को अपने योनि रस का स्वाद देने लगी
शमशेर ने अपनी पैंट उतार फेकी और अपना ८.५ इंच लंबा और करीब ४ इंच मोटा लंड उसके मुँह में देने लगा पर अंजलि तो किसी जल्दबाज़ी में थी. बोली,"प्लीज़ घुसा दो ना मेरी चूत में प्लीज़ शमशेर ने भी सोचा अब तो कयी सालों का साथ है ओरल बाद में देख लेंगे
उसने अंजलि की टाँगों को अपने कंधे पर रखा और अपने लंड का सूपाड़ा अंजलि की चूत पर रखकर दबाव डाला पर वो तो बिल्कुल टाइट थी शमशेर ने उसकी योनि रस के साथ ही अपना थूक लगाया और दोबारा ट्राइ किया अंजलि चिहुँक उठी सूपाड़ा योनि के अंदर था और अंजलि की हालत आ बैल मुझे मार वाली हो रही थी उसने अपने को पीछे हटाने की कोशिश की लेकिन उसका सिर खिड़की से लगा था अंजलि बोली,"प्लीज़ जान एक बार निकाल लो फिर कभी करेंगे पर शमशेर ने अभी नही तो कभी नही वाले अंदाज में एक धक्का लगाया और आधा लंड उसकी चूत में घुस गया अंजलि की चीख को सुनके अपने होटो से दबा दिया कुछ देर इसी हालत में रहने के बाद जब अंजलि पर मस्ती सवार हुई तो पूछो मत उसने बेहयाई की सारी हदें पर कर दी वह सिसकारी लेते हुए बड़बड़ा रही थी. "हाय रे, मेरी चूत...मज़ा दे दिया... कब से तेरे लंड... की .. प .. प्यासी थी
चोद दे जान मुझे... आ. आ कभी मत निकलना इसको ... मेरी चू...त आ उधर शमशेर का भी यही हाल था उसकी तो जैसे भगवान ने सुन ली जन्नत सी मिल गयी थी उसको.. उछल-उछल कर वो उसकी चूत में लंड पेले जा रहा था की अचानक अंजलि ने ज़ोर से अपनी टांगे भींच ली उसका सारा बदन अकड़ सा गया था उसने उपर उठकर शमशेर को ज़ोर स पकड़ लिया उसकी चूत पानी छोडती ही जा रही थी उससे शमशेर का काम आसान हो गया अब वो और तेज़ी से धक्के लगा रहा था पर अब अंजलि गिड-गिडाने लगी प्लीज़ अब निकल लो सहन नही होता
थोड़ी देर के लिए शमशेर रुक गया और अंजलि की होटो और चूंचियों को चूसने लगा वो एक बार फिर अपने चूतड़ उछलने लगी इस बार उसने अंजलि को उल्टा लिटा लिया अंजलि की गांड सीट के किनारे थी और उसकी मनमोहक चूत बड़ी प्यारी लग रही थी अंजलि के घुटने ज़मीन पर थे और मुँह खिड़की की और इस पोज़ में जब शमशेर ने अपना लंड अंजलि की चूत में डाला तो एक अलग ही आनंद प्राप्त हुआ अब अंजलि को हिलने का अवसर नही मिल रहा था पर मुँह से मादक सिसकारियाँ निकल रही थी हर पल उसे जन्नत तक लेकर जा रहा था
इस बार करीब २० मिनट बाद वो दोनों एक साथ झडे और शमशेर उसके उपर ढेर हो गया कुछ देर बाद वो दोनों उठे लेकिन अंजलि उससे नज़रें नही मिला पा रही थी प्यार का खुमार जो उतार गया था उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और एक सीट पर जाकर बाहर की और देखने लगी शमशेर को पता था की क्या करना है वो उसके पास गया, और आके पास बैठकर बोला... आइ लव यू अंजलि. अंजलि ने उसकी छाति में मुँह छिपा दिया और सुबकने लगी ये नही पता.. पश्याताप के आँसू थे या मंज़िल पाने की खुशी के....
उधर शमशेर बाकी रास्ते को रंगीन बनाने की तैयारी कर रहा था उसने नशे की गोली खरीदी और कोल्ड्रींक में मिला दिया अंधेरा हो गया था उसने अपनी पैंट की ज़िप खुली छोड़ दी ताकि अंजलि को उसे महसूस करने में आसानी हो सके
शमशेर मन ही मन सोच रहा था अगर अंजलि ही वो लड़की है जिसके स्कूल में जाकर उसको जोइन करना है, फिर तो उसकी पाँचो उंगलियाँ घी में होंगी उसको अंजलि की हालत देखकर यकीन हो चला था की अगर वो शुरुआत करेगा तो अंजलि पीछे नही रहेगी पर अगर वो जान गयी की मैं उसके स्कूल मैं ही जोइन करने जा रहा हूँ तो वो हिचक जाएगी इसीलिए वो आज ही उसको पता लगने से पहले ही उसकी चूत मार लेना चाहता था साथ-साथ उसको एक डर भी था! अगर अंजलि के मन को वो भाँप नही पाया, और उसने शुरुआत कर दी और अंजलि का रिएक्शन अलग हुआ तो फिर मुश्किल हो जाएगी ऐसे में वो स्कूल जाकर उसका सामना कैसे करेगा इसीलिए शमशेर चाहता था की पहल अंजलि की तरफ से ही होनी चाहिए अचानक बस स्टार्ट हो गयी और वो यही सोचता हुआ बस में चढ़ गया
अंजलि: कहाँ रह गये थे आप; मैने तो सोचा आप वापस ही नही आओगे
शमशेर: अरे नही... आपके लिए कोल्ड-ड्रिंक और फ्रूट्स लाने चला गया था कोल्ड्रींक की वो बोतल जिसमें उसने नशे की गोलियाँ मिलाई थी उसकी तरफ करते हुए कहा
अंजलि: सॉरी सर, लेकिन मैं कोल्ड्रींक नही पीती
शमशेर को अपने अरमानो पर पानी फिरता महसूस हुआ
शमशेर: अरे लीजिए ना, आपको उल्टियाँ आ रही थी, इसीलिए... इससे आपका दिल नही मचलेगा
अंजलि: थैंक्स, बट मैं पी नही पाउन्गि, इनफैक्ट मैं कभी नही पीती हां फ्रूट्स जरूर लूँगी हंसते हुए उसने कहा
शमशेर ने अनबूझे मन से कोल्ड्रींक की बोतल बॅग में रख ली फिर बोला,"
लीजिए केला खाइए
केले का साइज देखकर अंजलि को कुछ याद आया और उसकी हँसी छूट गयी वो मुश्किल से ३ इंच लंबा था
शमशेर: जी, क्या हुआ?
अंजली हांसते हुए जी कुछ नही.
अंजलि को केले की और देखता पाकर शमशेर कुछ-कुछ समझ गया
शमशेर: बताइए ना क्या बात है वैसे आप हँसती हुई बहुत सुंदर लगती हैं
अंजलि: क्या मतलब. वैसे नही लगती..
शमशेर: अरे नही....
अंजलि: जाने दीजिए, मैं तो आपके केले को देख कर हंस रही थी
शमशेर का ध्यान सीधा अपनी पैट की तरफ गया एक पल के लिए उसको लगा कहीं ज़िप खुली होने से उसका केला तो बाहर नही निकल आया सब ठीक ठाक था फिर केले के साइज को देखकर मामला समझ गया
शमशेर: जी क्या करे, मैने खुद तो उगाया नही है यहाँ बस यही मिले
अंजलि की हँसी रुकने का नाम ही नही ले रही थी उसके मन में तो दूसरा ही केला घूम रहा था हालाँकि उसने अपने व्यक्तीता का हमेशा ख्याल रखा था. पर शमशेर के नायाब जिस्म को देखकर उसमें खुमारी आती जा रही थी
अंजलि: शमशेर जी, आप करते क्या हैं?
शमशेर: अजी जिन बातों का समय आने पर खुद ही पता चल जाना है उनके बारे में क्या बात करनी आप अपनी बताइए, आपने शादी क्यूँ नही की?
अंजली कुछ देर सोचते हुए, है तो पर्सनल मेटर पर मैं नही समझती की आपको बताने से कोई नुकसान होगा आक्च्युली मेरी छोटि बहन ६ साल पहले किसी लड़के के साथ भाग गयी थी. बस तब से ही सब कुछ बिखर गया पापा पहले ही नही थे, मम्मी ने स्यूसाइड कर लिया... कहते हुए अंजलि फफक पड़ी. मुझे नही पता मेरी गलती क्या है, पर अब मैने अकेले ही जीने की सोच ली है
शमशेर बुरी तरह विचलित हो गया उसे कहने को कुछ नही मिल रहा था फिर धीरे से बोला,"सॉरी अंजलि जी" मैने तो बस यूँही पूछ लिया था
अंन्जलि ने उसके कंधे पर सर रखा और सुबकने लगी
शमशेर को और कुछ नही सूझा तो वो बोला मुझसे नही पूछेंगी क्या मैने शादी क्यूँ नही की!
अंजलि की आँखों में अचानक जैसे चमक आ गयी और हड़बड़ा कर बोली,"
क्या आपने भी... मतलब क्या आपकी शादी...क्यूँ नही की आपने
शमशेर: कुछ फिज़िकल प्राब्लम है?
अंजलि जैसे अपने गुम को भूल गयी थी,"क्या प्राब्लम है"
शमशेर ने मज़ाक में कहा,"बताने लायक नही है मेडम"
अंजलि: क्यूँ नही है, क्या हम दोस्त नही हैं?
शमशेर: जी वो एररेक्टिओं में प्राब्लम है
अंजलि एररेक्टिओं का मतलब अच्छि तरह समझती थी की वो अपना लंड खड़ा ना हो सकने के बारे में कह रहा है पर ये तो झूठ था, वो खुद महसूस कर चुकी थी पर वो कह क्या सकती थी? सो चुप रही
शमशेर: क्या हुआ? मैने तो पहले ही कहा था की बताने लायक नही है
अंजलि: (शरमाते हुए) मुझे नही पता, मुझे नींद आ रही है, क्या मैं आपकी गोद में सर रखकर सो जाउ
शमशेर: हां हां क्यूँ नही और उसने अंजलि को अपनी गोद में लिटा लिया
अंजलि ने वही किया, अपने हाथ को सर के नीचे रख लिया और धीरे-धीरे हाथ हिलाने लगी ऐसा करने से उसने महसूस किया की शमशेर का लंड अपने विकराल आकर में आता जा रहा है अंजलि सोच रही थी की उसने झूठ क्यूँ बोला. उधर शमशेर ने भी सोने की आक्टिंग करते हुए अपने हाथ धीरे-धीरे अंजलि के कंधे से सरका कर उसकी मांसल तनी हुई चूंचियों पर ले गया दोनो की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. जैसे ही शमशेर आगे बढ़कर उसकी चूत पर हाथ ले जाने ही वाला था की अचानक अंजलि उठी और बोली,"झुठे, तुमने झूठ क्यूँ बोला" उसकी आवाज में मानो नाराजगी नही, एक बुलावा था; सेक्स के लिए
शमशेर आँखें बंद किए हुए ही बोला,"क्या झूठ बोला मैने आपसे"
अंजलि: यही की एररेक्ट नही होता.
शमशेर: तो मैने झूठ कहाँ बोला? हां नही होता
अंजलि: मैने चेक किया है वो धीरे-धीरे बोल रही थी
शमशेर: क्या चेक किया है आपने
अंजलि उसके बाद कुछ बोलने ही वाली थी की अचानक बस बंद हो गयी कंडक्टर ने बताया की बस खराब हो गयी है आगे दूसरी बस मैं जाना पड़ेगा
आमतौर पर इस सिचुयेशन में ख़ासकर अकेली लेडीस की हालत खराब हो जाती है
पर अंजलि ने चहकते हुए कहा,"अब मैं कैसे जाउंगी"
शमशेर," मैं हूं ना""चलो समान उतारो"
बस से उतारकर दोनों सड़क के किनारे खड़े हो गये अंजलि से कंट्रोल नही हो रहा था वो सोच रही थी इतना कुछ होने के बाद भी ये पता नही किस बात का इंतज़ार कर रहा है एक-एक करके सभी लोग चले गये लेकिन ना तो शमशेर और ना ही अंजलि को जाने की जल्दी थी दोनों चाह कर भी शुरुआत नही कर पा रहे थे फिर ड्राइवर और कंडक्टर भी चले गये तो वहाँ सब सुनसान नजर आने लगा
अचानक अंजलि ने चुप्पी तोड़ी,"अब क्या करेंगे?"
शमशेर: बोलो क्या करें?
अंजलि: अरे तुम्ही तो कह रहे थे,"मैं हूँ ना" अब क्या हुआ?
शमशेर चलना तो नही चाहता था पर बोला"ठीक है", अब की बार कोई भी वेहिकल आएगा तो लिफ्ट ले लेंगे
अंजलि: मैं तो बहुत तक गयी हूँ. क्या कुछ देर बस में चलकर बैठें? मुझे प्यास भी लगी है
वो दोनों जाकर बस में बैठ गये फिर अचानक शमशेर को कोल्ड्रींक याद आई जो उसने बैग में रखी थी वो अपना रंग दिखा सकती थी शमशेर ने कहा,"प्यास का तो मेरे पास एक ही इलाज है
अंजलि:क्या?
शमशेर: वो कोल्ड्रींक!
अंजलि: अरे हां...थैंक्स... उससे प्यास मिट जाएगी.. लाओ प्लीज!
शमशेर ने बैग से निकाल कर वो बोतल अंजलि को दे दी. अंजलि ने सारी बोतल खाली कर दी, १०-१५ मीं. में ही गोली अपना रंग दिखाने लगी थी अंजलि ने शमशेर से कहा," क्या हम यही सो जायें सुबह चलेंगे
अंजलि पर नशे का सुरूर सॉफ दिखाई दे रहा था अब शमशेर को लगा बात बढ़ानी चाहिए. वो बोला," आप बस में क्या कह रही थी"
अंजलि,"मुझे आप क्यू कहते हो तुम? मुझे अंजलि कहो ना
शमशेर: वो तो ठीक है पर आप प्रिन्सिपल हो
अंजलि: फिर आप, मैं कोई तुम्हारी प्रिन्सिपल थोड़े ही हूँ, मुझे अंजलि कहो ना प्लीज.. नही अंजू कहो और हां तुमने झूठ क्यूँ बोला की एररेक्टिओं की प्राब्लम है
शमशेर: तुम्हे कैसे पता की मैने झूठ बोला
अंजलि: मैने चेक किया था ये
शमशेर: ये क्या!
अंजलि खूब उत्तेजित हो चुकी थी उसने कुछ सोचा और शमशेर की पैंट को आगे से हाथ लगाकर बोली,"ये"... "अरे तुम्हारी तो जीप खुली है. हा हा हा
शमशेर को पता था वो नशे में है वो बोला," क्या तुम्हे नींद नही आ रही?
आओ मेरी गोद में सिर रख लो!
अंजलि: नही मुझे देखना है ये कैसे खड़ा नही होता, अगर मैं इसको खड़ा कर दूं तो तुम मुझे क्या दोगे
शमशेर कुछ नही बोला
अंजलि: बोलो ना...
शमशेर: जो तुम चाहोगी!
अंजलि: ओके निकालो बाहर!
शमशेर: क्या निकालू?
अंजलि: छि-छि नाम नही लेते, ठीक है मैं खुद निकाल लेती हूँ, कहते हुए वो भूखी शेरनी की तरह शमशेर पर टूट पड़ी
शमशेर तो जैसे इसी मौके के इंतज़ार मैं था उसने अंजलि को जैसे लपक लिया नीचे सीट पर गिरा लिया और उसे कपड़ों के उपर से ही चूमने लगा अंजलि बदहवास हो चुकी थी उसने शमशेर का चेहरा अपने हाथों में लिया और उसके होंठों को अपने होठों में दबा लिया शमशेर के हाथ उसकी चूंचियों पर कहर ढा रहे थे एक-एक करके वह दोनो चूंचियों को बुरी तरह मसल रहे थे अंजलि अब उसकी छाति सहलाते हुए बड़बड़ाने लगी थी..ओह लव मि प्लीज़.. लव मि... आइ कांट वेट.. आइ कांट लिव.. विदाउट यू जान..
सुनसान सड़क पर खड़ी बस में तूफान आया हुआ था एक-एक करके जब शमशेर ने अंजलि का हर कपड़ा उसके शरीर से अलग कर दिया तो वो देखता ही रह गया स्वर्ग से उतरी मेनका जैसा जिस्म... सुडौल चुचियाँ... एक दम तनी हुई सुराहिदार चिकना पेट और मांसल जांघें... चूत पर एक भी बाल नही था उसकी चूत एक छोटी सी मछली जैसी सुंदर लग रही थी उसने दोनों चूंचियों को दोनों हाथों से पकड़ कर उसकी चूत पर मुँह लगा दिया अंजलि उबल पड़ी साँसे इतनी तेज़ चल रही थी जैसे अभी उखड़ जाएँगी पहले पहल तो उसे अजीब लगा अपनी चूत चटवाते हुए पर बाद में वह खुद अपनी गांड उछाल-उछाल कर उसकी जीभ को अपने योनि रस का स्वाद देने लगी
शमशेर ने अपनी पैंट उतार फेकी और अपना ८.५ इंच लंबा और करीब ४ इंच मोटा लंड उसके मुँह में देने लगा पर अंजलि तो किसी जल्दबाज़ी में थी. बोली,"प्लीज़ घुसा दो ना मेरी चूत में प्लीज़ शमशेर ने भी सोचा अब तो कयी सालों का साथ है ओरल बाद में देख लेंगे
उसने अंजलि की टाँगों को अपने कंधे पर रखा और अपने लंड का सूपाड़ा अंजलि की चूत पर रखकर दबाव डाला पर वो तो बिल्कुल टाइट थी शमशेर ने उसकी योनि रस के साथ ही अपना थूक लगाया और दोबारा ट्राइ किया अंजलि चिहुँक उठी सूपाड़ा योनि के अंदर था और अंजलि की हालत आ बैल मुझे मार वाली हो रही थी उसने अपने को पीछे हटाने की कोशिश की लेकिन उसका सिर खिड़की से लगा था अंजलि बोली,"प्लीज़ जान एक बार निकाल लो फिर कभी करेंगे पर शमशेर ने अभी नही तो कभी नही वाले अंदाज में एक धक्का लगाया और आधा लंड उसकी चूत में घुस गया अंजलि की चीख को सुनके अपने होटो से दबा दिया कुछ देर इसी हालत में रहने के बाद जब अंजलि पर मस्ती सवार हुई तो पूछो मत उसने बेहयाई की सारी हदें पर कर दी वह सिसकारी लेते हुए बड़बड़ा रही थी. "हाय रे, मेरी चूत...मज़ा दे दिया... कब से तेरे लंड... की .. प .. प्यासी थी
चोद दे जान मुझे... आ. आ कभी मत निकलना इसको ... मेरी चू...त आ उधर शमशेर का भी यही हाल था उसकी तो जैसे भगवान ने सुन ली जन्नत सी मिल गयी थी उसको.. उछल-उछल कर वो उसकी चूत में लंड पेले जा रहा था की अचानक अंजलि ने ज़ोर से अपनी टांगे भींच ली उसका सारा बदन अकड़ सा गया था उसने उपर उठकर शमशेर को ज़ोर स पकड़ लिया उसकी चूत पानी छोडती ही जा रही थी उससे शमशेर का काम आसान हो गया अब वो और तेज़ी से धक्के लगा रहा था पर अब अंजलि गिड-गिडाने लगी प्लीज़ अब निकल लो सहन नही होता
थोड़ी देर के लिए शमशेर रुक गया और अंजलि की होटो और चूंचियों को चूसने लगा वो एक बार फिर अपने चूतड़ उछलने लगी इस बार उसने अंजलि को उल्टा लिटा लिया अंजलि की गांड सीट के किनारे थी और उसकी मनमोहक चूत बड़ी प्यारी लग रही थी अंजलि के घुटने ज़मीन पर थे और मुँह खिड़की की और इस पोज़ में जब शमशेर ने अपना लंड अंजलि की चूत में डाला तो एक अलग ही आनंद प्राप्त हुआ अब अंजलि को हिलने का अवसर नही मिल रहा था पर मुँह से मादक सिसकारियाँ निकल रही थी हर पल उसे जन्नत तक लेकर जा रहा था
इस बार करीब २० मिनट बाद वो दोनों एक साथ झडे और शमशेर उसके उपर ढेर हो गया कुछ देर बाद वो दोनों उठे लेकिन अंजलि उससे नज़रें नही मिला पा रही थी प्यार का खुमार जो उतार गया था उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और एक सीट पर जाकर बाहर की और देखने लगी शमशेर को पता था की क्या करना है वो उसके पास गया, और आके पास बैठकर बोला... आइ लव यू अंजलि. अंजलि ने उसकी छाति में मुँह छिपा दिया और सुबकने लगी ये नही पता.. पश्याताप के आँसू थे या मंज़िल पाने की खुशी के....